यूपी में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद से ही योगी सरकार एक्शन में है. चुनावों में रोजगार से लेकर पेपर लीक बड़े मुद्दे रहे. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे जोर शोर से उठाया. चुनावों में इंडिया गठबंधन को इसका फायदा हुआ. अब यूपी की बीजेपी सरकार अपनी गलतियां सुधारने में जुट गई है. सरकार का सारा जोर अब सरकारी नौकरी देने और पेपर लीक रोकने पर है.
शनिवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीधे शब्दों में कहा है कि चनय परीक्षाओं में शुचिता के साथ खिलवाड़ स्वीकार नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में सॉल्वर गैंग-पेपर लीक कराने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए नया कानून भी तैयार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने भर्ती परीक्षाओं की शुचिता, गोपनीयता और पारदर्शिता में होने वाले व्यापक सुधार को लेकर आयोग के साथ भी चर्चा की है.
सॉल्वर गैंग को कठोर सजा दिलाने पर रहेगा जोर
यूपी में पेपर लीक कराने वालों और सॉल्वर गैंग के खिलाफ कठोर से कठोर सजा दिलाई जाएगी. इसके साथ-साथ यह भी निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षाओं के लिए सरकारी या वित्त पोषित शिक्षण संस्थान को ही केंद्र बनाया जाए. परीक्षाओं के लिए केंद्र बनाते समय यह भी ध्यान रखा जाएगा कि सेंटर पर हर एक कमरे में सीसीटीवी की व्यवस्था है या नहीं. जहां, सीसीटीवी की व्यवस्था होगी उन्हीं संस्थानों को केंद्र बनाया जाएगा.
प्रश्न पत्रों की छपाई अलग-अलग एजेंसियों के जरिए होगी
इसके अलावा पेपर सेट होने से लेकर रिजल्ट तक होनी वाली पूरी प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए काम किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि हर पाली में दो या अधिक पेपर सेट जरूर होने चाहिए, प्रत्येक सेट के प्रश्न पत्र की छपाई अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से कराना बेहतर होगा. इसके अलावा परीक्षा केंद्र आवंटन में महिलाओं और दिव्यांगों की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाएगा.
रिक्त पदों को भरने में तेजी लाने के निर्देश
इसके अलावा योगी सरकार ने रिक्त पदों पर चयन प्रक्रिया में भी तेजी लाने जा रही है. इसके लिए विभागों को जल्द से जल्द अधियाचन भेजने का निर्देश दिया गया है. योगी ने चयन आयोग को परीक्षा से पूर्व, परीक्षा के दौरान और परीक्षा के बात शासन स्तर के शीर्ष अधिकारियों तथा एसटीएफ के संपर्क में रहने का निर्देश दिया है.